સુવિચાર

સુવિચાર :- "શિક્ષક પોતે શીખતો ન રહે તો તે કદી શીખવી ન શકે - રવીન્દ્રનાથ ટાગોર જીવનમાં કોઈ પણ માણસને ખોટો ના સમજવો. તેના પર વિશ્વાસ રાખવો. કેમકે એક બંધ ઘડીયાળ પણ દિવસમાં ૨ વાર સાચો સમય બતાવે છે. કોઈ કામ માટે ભીતરનો અવાજ ના પાડે તો તે કામ છોડી દેજો, અન્યથા પસ્તાવવાનો વખત આવશે.

સોમવાર, 11 જુલાઈ, 2016

ચિરંજીવ દિલીપ ને

मुस्कुरा लाड़ले मुस्कुरा
कोई भी फूल इतना नहीं ख़ूबसूरत
है जितना ये मुखड़ा तेरा
मुस्कुरा लाड़ले मुस्कुरा

तेरी ये मुस्कान कोई न छीने कभी
हो फूल की सेज सोये जवानी तेरी
मालिक से है ये दुआ
है ये दुआ

कोई भी फूल इतना नहीं ख़ूबसूरत
है जितना ये मुखड़ा तेरा
मुस्कुरा लाड़ले मुस्कुरा

तुझको जो देखा वो दिन याद आने लगे
आँखों के बुझते दिये झिलमिलाने लगे
मैं तेरे जैसा ही था
ऐसा ही था

कोई भी फूल इतना नहीं ख़ूबसूरत
है जितना ये मुखड़ा तेरा
मुस्कुरा लाड़ले मुस्कुरा

बच के तू चल लाड़ले बुरा है ये जहाँ
बन साँप डँसता है अपना ही साया यहाँ
हर कोई है बेवफ़ा
है बेवफ़ा

कोई भी फूल इतना नहीं ख़ूबसूरत
है जितना ये मुखड़ा तेरा
मुस्कुरा लाड़ले मुस्कुरा

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